तुम सौंप दोगी
जिस दिन
उसे अपना सम्मान तक
वह तुम्हारे अन्त:देश की
एक-एक अन्तड़ियाँ
हिला-हिलाकर देखेगा
‘वहाँ कोई और तो नहीं!!’
तुम सौंप दोगी
जिस दिन
उसे अपना सम्मान तक
वह तुम्हारे अन्त:देश की
एक-एक अन्तड़ियाँ
हिला-हिलाकर देखेगा
‘वहाँ कोई और तो नहीं!!’