दो
बेलनों का
चक्रावर्तित कोल्हू,
हर ईख पहले पिच् से दबती ह
धार बाँधकर रस
फिर...
खोई,
उफ्!
भट्ठी में झोंकने के लिए
तैयार रहता है-कोई न
कोई।
दो
बेलनों का
चक्रावर्तित कोल्हू,
हर ईख पहले पिच् से दबती ह
धार बाँधकर रस
फिर...
खोई,
उफ्!
भट्ठी में झोंकने के लिए
तैयार रहता है-कोई न
कोई।