ऐकरा सें पहिने कि
कोहरा हटेॅ
कोहासऽ छटेॅ
एक दोसरा पेॅ झुंझलैलऽ
पहाड़ऽ, रेगिस्तानऽ आरो नद्दी
के आर-पार
बसलऽ गाँव सब लौकेॅ।
खूनऽ सें लहूलुहान
आरो इ धरती दिखॅ बदरंग
आबऽ एक होय जा
भारत केरऽ आत्मा केॅ
साबूत राखै लेॅ।
ऐकरा सें पहिने कि
कोहरा हटेॅ
कोहासऽ छटेॅ
एक दोसरा पेॅ झुंझलैलऽ
पहाड़ऽ, रेगिस्तानऽ आरो नद्दी
के आर-पार
बसलऽ गाँव सब लौकेॅ।
खूनऽ सें लहूलुहान
आरो इ धरती दिखॅ बदरंग
आबऽ एक होय जा
भारत केरऽ आत्मा केॅ
साबूत राखै लेॅ।