देख’र
झरयोड़ी पांख नै उडती
करै
आळै में बैठा
पंखेरू इचरज
पण जद कोनी
उतरी नीचै
जठै खिंडयोड़ा हा दाणा
जणां पडयो ठा
ओ तो
बोछरड़ी पून रो कौतक !
देख’र
झरयोड़ी पांख नै उडती
करै
आळै में बैठा
पंखेरू इचरज
पण जद कोनी
उतरी नीचै
जठै खिंडयोड़ा हा दाणा
जणां पडयो ठा
ओ तो
बोछरड़ी पून रो कौतक !