सारी रात
चाँद के साबुन से
बादलों के झाग से सब कुछ ढँक कर
किसे गरज है
कि आकाश को धो दे?
सारा दिन
सूरज की इस्त्री से
विशाल नीली चादर की
सलवटे ठीक कर दे
कौन उठाए यह ज़ेहमत?
इसका जवाब जानते थे
कोपरनिकस
और जानती है
चार पहियों समेत पानी मे डूबी
ब्रेकडाउन-बस।