अगर न होता चाँद, रात में
हम को दिशा दिखाता कौन?
अगर न होता सूरज, दिन को
सोने-सा चमकता कौन?
अगर न होतीं निर्मल नदियां
जग की प्यास बुझता कौन?
अगर न होते पर्वत, मीठे
झरने भला बहता कौन?
अगर न होते बादल, नभ में
इन्द्रधनुष रच पता कौन?
अगर न होते हम तो बोलो,
ये सब प्रश्न उठाता कौन?