Last modified on 30 जनवरी 2012, at 09:58

कौन तू खुदा मेरा / रेशमा हिंगोरानी

है जब भी डूबती साँसों ने तलाशा साहिल,
तू खुद-ब-खुद लिए कश्ती-ए-वफ़ा आया है,
हैं लडखडाए कदम जब भी सहारे के लिए,
तुझे कुहसार की मानिंद मैंने पाया है,

बेबाल-ओ-पर,
शिकस्ता-हाल,
हुई हूँ जो कभी,
तेरे ही तो करम का मुझपे रहा साया है,

है इस कदर जुडी हुई,
मेरी हस्ती तुझ से,
कुछ इस तरह है मुनहसिर,
मेरी हस्ती तुझ पे,

कि बिन तेरे मैं जी सकूँ,
बात इतनी सी नहीं,
मैं बिन तेरे भी जीना चाहूँ,
बात
इतनी सी है बस!