चमके चंदा जहाँ तारे हज़ार,
पवनिया बजाती जहाँ पर सितार,
कौन देश माँ, बादलों के पार ?
बिखराता कौन
सुबह होते ही रंग ?
बूँदों की सुनता है
कौन जल-तरंग ?
रोज़-रोज़ किरणों की पालकी उठा,
ढलते ही शाम कहाँ जाते कहार ?
दूध धुली चाँदनी
के ये झरने ।
आते किस नगरी से,
रेशम पहने ?
क्या कोई जादू की फेर कर छड़ी,
दिखलाता है सारे रंग बार-बार ?