बुरा क्या था
मगन रहता
अपने सपने की दुनिया में
क्यों चाहा पर बना लेना
दुनिया को
अपने सपने-सा
सपने में ही डूब रहा
होता
होना अपना—
किसी को क्या ख़बर होती
मैं हस्ती हूँ या हूँ सपना ।
—
27 जून 2009
बुरा क्या था
मगन रहता
अपने सपने की दुनिया में
क्यों चाहा पर बना लेना
दुनिया को
अपने सपने-सा
सपने में ही डूब रहा
होता
होना अपना—
किसी को क्या ख़बर होती
मैं हस्ती हूँ या हूँ सपना ।
—
27 जून 2009