डूब रहा मन
तिरता भी नहीं
तितीर्षा भी
नहीं जागी कभी
तलहटी में
खोजता क्या
जिन्दा रहने के लिए
कुछ शब्द
मधुरिम नाद
या
शब्दों के परे की
ध्वनियां
डूब रहा मन
तिरता भी नहीं
तितीर्षा भी
नहीं जागी कभी
तलहटी में
खोजता क्या
जिन्दा रहने के लिए
कुछ शब्द
मधुरिम नाद
या
शब्दों के परे की
ध्वनियां