प्रेम क्या है ?
हमने पढ़े हैं इस पर लिखे गए हज़ारों-हज़ार प्रबन्ध
और अब तक जान न पाए
कि वास्तव में पढ़ा क्या ?
ख़ूब अध्ययन किया
अनुवाद ज्योतिष और औषधिशास्त्र की अनगिनत कृतियों का
फिर भी समझ न आया
कि कहाँ से की जाए इस विषय की शुरुआत ?
हमने कण्ठस्थ कर लिया
समूचा लोक-साहित्य
सम्पूर्ण काव्य
सारा का सारा गीत-साहित्य
और स्मरण न रख सके एक भी पंक्ति !
हमने प्रेममार्गी संतों से
पूछा उनका हालचाल
कुरेदा उनका अनुभव संसार
और पाया
कि हमसे थोड़ा भी अधिक नहीं है उनका ज्ञान !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह