समय क्रूर भऽ गेल अछि ओ बदलि देलक अछि मनुक्खकें वस्तुमे। वस्तुए जकाँ बिका रहल अछि आब मनुक्ख हाट-बजार सोन्हिआ गेल अछि ओकर शोणितमे क्रूरता।