धूप का किनारा
एकांत में जाके
गुमसुम हो गया है
चीटियाँ भरक रही हैं
दूब में
गरमाहट से
तस्वीर बदल रही है
तुम्हारे पहुँचने से पहले
चिड़िया दाना उठाके ले गई है
और अब उसकी
परछाईं भी नही
है यहाँ ।
धूप का किनारा
एकांत में जाके
गुमसुम हो गया है
चीटियाँ भरक रही हैं
दूब में
गरमाहट से
तस्वीर बदल रही है
तुम्हारे पहुँचने से पहले
चिड़िया दाना उठाके ले गई है
और अब उसकी
परछाईं भी नही
है यहाँ ।