बाप री जिंदगी में पीड़-
क सूं करजो
मां री आंख्यां में सुपना-
क सूं कमाई
भायां खातर भविष्य-
क सूं कमठाणो
म्हारै वास्तै-
क सूं कविता !
बाप री जिंदगी में पीड़-
क सूं करजो
मां री आंख्यां में सुपना-
क सूं कमाई
भायां खातर भविष्य-
क सूं कमठाणो
म्हारै वास्तै-
क सूं कविता !