यों ही आ गयी थीं तुम
खंडहर पर हरियाली
आ जाये
बरसात में जैसे
इसलिए लौट ही जाना था
तुम को
और खंडहर करती हुई
मुझे।
(1991)
यों ही आ गयी थीं तुम
खंडहर पर हरियाली
आ जाये
बरसात में जैसे
इसलिए लौट ही जाना था
तुम को
और खंडहर करती हुई
मुझे।
(1991)