खटखटाता नहीं कोई
जो खुले रहते हैं सदा
उन दरवाज़ों को
गुज़रते रहते हैं लोग
उन में से हो कर।
एक हलकी-सी थपकी
कभी चाह सकता है कोई
जिस के लिए पर
होना पड़ेगा बन्द उस को
खो देता है खुद को
दरवाज़ा रास्ता हो कर।
(1990)
खटखटाता नहीं कोई
जो खुले रहते हैं सदा
उन दरवाज़ों को
गुज़रते रहते हैं लोग
उन में से हो कर।
एक हलकी-सी थपकी
कभी चाह सकता है कोई
जिस के लिए पर
होना पड़ेगा बन्द उस को
खो देता है खुद को
दरवाज़ा रास्ता हो कर।
(1990)