बकरी एकदिन,
इमली लाई।
और बैठकर,
जमकर खाई।
इतना खाई,
इतना खाई!
दिन में लेने,
लगी जम्हाई।
खुले ओसारे,
खाट बिछाई।
सोई बनकर,
बूढ़ी ताई।
उसमे बैठे,
खटमल चार।
आये मिलने,
लेकर हार।
बकरी छोड़ी,
खट्टी डकार।
खटमल बोले
भागो यार।
बकरी एकदिन,
इमली लाई।
और बैठकर,
जमकर खाई।
इतना खाई,
इतना खाई!
दिन में लेने,
लगी जम्हाई।
खुले ओसारे,
खाट बिछाई।
सोई बनकर,
बूढ़ी ताई।
उसमे बैठे,
खटमल चार।
आये मिलने,
लेकर हार।
बकरी छोड़ी,
खट्टी डकार।
खटमल बोले
भागो यार।