देखोॅ जंगल के खरगोश
बित्ता भर के; केन्होॅ जोश।
फुदकै-फाँदै; सरपट जाय
खूब मनोॅ सें घासे खाय।
धरती पर को उजरोॅ मेघ?
की जंगल केॅ देलोॅ नेग?
मानी लै घर-घर के पोष
हेने जंगल के खरगोश।
देखोॅ जंगल के खरगोश
बित्ता भर के; केन्होॅ जोश।
फुदकै-फाँदै; सरपट जाय
खूब मनोॅ सें घासे खाय।
धरती पर को उजरोॅ मेघ?
की जंगल केॅ देलोॅ नेग?
मानी लै घर-घर के पोष
हेने जंगल के खरगोश।