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ख़बरदार ! / पूनम तुषामड़

सपनों के भीतर भी
पनप जाती हैं
दीवारे!दीवारों पर उग आते हैं
शैवाल
देते हैं धमकियां
करते हैं अट्टहास
खबरदार!स
पना मत देखो
बस सो जाओ
ऐसी नींद....
जिसमें कोई
सपना न हो।