मर जाना --
ऐसा तो नहीं कर सकते आप एक बिल्ली के साथ ।
चूँकि एक बिल्ली कर भी क्या सकती है
ख़ाली अपार्टमेण्ट में ?
दीवारें नाप सकती है ?
कुर्सी-मेज़ों से रगड़ सकती है ख़ुद को ?
यहाँ कुछ भी अलग नहीं लगता,
मगर कुछ भी पहले जैसा नहीं है ।
कुछ भी हिलाया नहीं गया,
मगर बढ़ गई है ख़ाली जगह ।
और रात में कोई बत्तियाँ भी नहीं जलाई जातीं ।
जीने में पैरों की चाप है,
मगर वह नई है ।
जो रखता है मछली के टुकड़े तश्तरी में
बदल गया है वह हाथ भी ।
कुछ है, जो नहीं होता शुरू
अपने नियत समय पर ।
कुछ है, जो नहीं होता वैसे
जैसे होना चाहिए ।
कोई हमेशा हमेशा होता था यहाँ,
फिर अचानक गायब हो गया,
और किसी ज़िद में रहता है गायब ही ।