Last modified on 11 जून 2017, at 17:53

खांचा / राजेन्द्रसिंह चारण

जिनगाणी नै
खींचता-खींचतां
खांचा रैग्या
जिका भरीजै कोनी
किस्या’ई
गारा, ईंट सूं।