गाए हैं बहुत ही मैंने, सुख और दुःख के गीत
आओ सुनाऊँ आज खालीपन का भी संगीत।
महसूस की है तुमने रागिनी जो बजती है
जब बाहों में होकर भी मिलता नहीं मीत?
जब सैलाब-सा होता है मन के अंदर कोई पर
मिलती नहीं दो बूंद जिससे धरती जाए रीत।
मुस्कान की जगह आँसू आते आँखों में जब,
जीत कर भी ज़िन्दग़ी में मिलती नहीं जीत।