मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खीर खाउ ने लजाउ सुनू चारू दुलहा
खीर खाउ ने
अहि खीरबा के बड़ बड़ गुनमा
जनती अहाँ केर मइया
खीर खाउ ने
अहि खीरबा के बाबू जनु करू अनादर
मड़बा पर चोर दशरथ रइया
खीर खाउ ने
अपना महल सऽ बहार भेली कौशिल्या
बंहियाँ पकडु दशरथ रइया
खीर खाउ ने
खीर खाउ ने लजाउ सुनू चारू भइया
खीर खाउ ने