कल रात मेरे दिल का वह कोना 
जो अक्सर खाली रहता है 
अचानक तुम्हारी याद में 
लबालब भर गया 
फिर नींद नहीं आयी 
जब आँखे बंद हुई तो 
रात भर सपने में 
तुम आते जाते रहे 
सुबह उठा तो 
तुम्हारे बदन की खुशबू 
मेरे चारो और महक रही थी 
ये मेरा दिल 
ये मेरा मन 
कितना कुछ सोच लेता है 
खुद ब ख़ुद