खुशी आती है
किसी मेहमान की तरह
लाख रोको नहीं रुकती
जैसे आती है चली जाती है
ग़म आता है
अपने ही साये की तरह
लाख हटाओ
नहीं हटता
साथ-साथ जीये जाता है।
खुशी आती है
किसी मेहमान की तरह
लाख रोको नहीं रुकती
जैसे आती है चली जाती है
ग़म आता है
अपने ही साये की तरह
लाख हटाओ
नहीं हटता
साथ-साथ जीये जाता है।