दृश्यों के विस्तार में
सिमटी रहती है
सपाट जल-तल के नीचे
बस एक कंकडी
और किल्लोल लहरों का
छू लेता है तट
फिर
वही एकालाप
लम्बा-सफेद-स्याह।
दृश्यों के विस्तार में
सिमटी रहती है
सपाट जल-तल के नीचे
बस एक कंकडी
और किल्लोल लहरों का
छू लेता है तट
फिर
वही एकालाप
लम्बा-सफेद-स्याह।