मौसम की पहली बारिश
के बाद
चुपचाप
अपनी बालकनी में
खड़ी
पीती रही
धुली हरियाली
अन्दर
दूर तक फैली
बैंगनी उदासी पर
धीरे - धीरे
एक हरी चादर - सी
बिछ गयी
वह पास आ गए
अपने बेटे को
देर तक चूमती रही
मौसम की पहली बारिश
के बाद
चुपचाप
अपनी बालकनी में
खड़ी
पीती रही
धुली हरियाली
अन्दर
दूर तक फैली
बैंगनी उदासी पर
धीरे - धीरे
एक हरी चादर - सी
बिछ गयी
वह पास आ गए
अपने बेटे को
देर तक चूमती रही