Last modified on 30 सितम्बर 2019, at 00:09

खुश रहो / अलका वर्मा

कहना बहुत आसान होता है
खुश रहो।
जो चला गया वह तेरा नहीं था
खुश रहो।
जीने के लिए एक पल प्यार काफी है
खुश रहो।
क्या हुआ पैसे कम है
खुश रहो।
जलने वाले जलते रहे
खुश रहो।
तकदीर में यही लिखा था
खुश रहो।
भूख लगी तो लगने दो
खुश रहो।
दुनिया की परवाह न कर
खुश रहो।
जीवनके पल है चार
खुश रहो।
रिश्ते नाते है सब बेकार
खुश रहो।
प्रेम का करो ना व्यापार
खुश रहो।
विश्वास पर करो ना प्रहार
खुश रहो।
क्षणभंगुर है यह संसार
खुश रहो।
कर्म करते रहो न यार
खुश रहो।