Last modified on 27 दिसम्बर 2017, at 13:46

खेत सूख जायेगा / सैयद शहरोज़ क़मर

खेत सूख जाएगा
पानी क्या आएगा

आँख पथराएगी
बसन्त कब आएगा

तुम चले आए हो
सब चला जाएगा

सड़क सुनसान है
दंगा हो जाएगा

अपने ही खंजर से
वो मारा जाएगा

07.04.97