एक आकाश
साथ ले आती है अपने
उड़ान
आ ठहरती है
किसी शाख़ पर जब
तिनका-तिनका बुनती
अपनी धरती
हर आकाश खोजता रहता है
जिस को
दुनिया में उस की
खो जाने के लिए ।
—
25 जुलाई 2009
एक आकाश
साथ ले आती है अपने
उड़ान
आ ठहरती है
किसी शाख़ पर जब
तिनका-तिनका बुनती
अपनी धरती
हर आकाश खोजता रहता है
जिस को
दुनिया में उस की
खो जाने के लिए ।
—
25 जुलाई 2009