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खोजी / कन्हैया लाल सेठिया

तू सोधै
छांट री जड़
आभै में !
फिरोळै
जीव रो मूळ
माटी में
चालै
भटक्योड़ै
खोजां रै लारै
किंयां करसी अणभूत
अंतस री चेतणा बिन्यां
सत ?