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गढ़वाल प्यारो / केशव ध्यानी

मेरो हिमवन्त देश गढ़वाल प्यारो
चारी जाली कूल,
हैरी<ref>हरी-हरी</ref>-हैरी डांडी<ref>पहाड़ियाँ</ref> मेरी
रंग बिरंगा फूल। मेरी हिमवन्त.
पिण्डलू का शोभा,
बद्री, केदार नाथ,
छै ऋतु की शोभा। मेरो हिमवन्त.
आरती की थाली,
छोटी-बड़ी रौली मेरी
झुकी-मुकी डाली। मेरो हिमवन्त.
भितरी को सीत,
ग्वेरु<ref>ग्वाले</ref> की मुरली अर,
घसेयों का गीत। मेरो हिमवन्त.
गीत भरी साज,
डाँड्यों म कुयेड़ जख,
दूध-कोसी गाज।
मेरो हिवन्त देश गढ़वाल प्यारो॥

शब्दार्थ
<references/>