कहणी जकी करीजै कोनी
लिखणी जकी लिखीजै कोनी,
सबद बिरम अपड़ीजै कोनी,
रचणा रम्य रचीजै कोनी,
एकल रास घलीजै कोनी,
राधा बिन रमीजै कोनी
भोळो जीव पतीजै कोनी
सिचल्यो इंयां रहीजै कोनी !
कहणी जकी करीजै कोनी
लिखणी जकी लिखीजै कोनी,
सबद बिरम अपड़ीजै कोनी,
रचणा रम्य रचीजै कोनी,
एकल रास घलीजै कोनी,
राधा बिन रमीजै कोनी
भोळो जीव पतीजै कोनी
सिचल्यो इंयां रहीजै कोनी !