Last modified on 18 मार्च 2020, at 23:10

गति / अंशु हर्ष

मेरे मन की गति को देखो
चाँद के साथ ढलती है
और सूरज के साथ
फ़िर निकल पड़ती है
अनवरत ...
बिना विराम
अब बताओ
चल सकते हो मेरे साथ
इस गति से
जिसपे चलकर
मैं पार पाना चाहता हूँ
हर अभिलाषा का ...