गरम हवाएँ, धरती-अंबर,
गरम महीना जून का!
ऐसी गरमी, इतनी गरमी
हाय-हाय है कितनी गरमी,
गरमी-गरमी, गरमी-गरमी
सख्त महीना, जरा न नरमी।
ऐसा मौसम, रोना छूटा
सचमुच अफलातून का!
तबीयत कितनी झल्लाई सी
कैसी यह आफत आई सी,
झुलसे सपने, झुलसा तन-मन
झुलस गया है अपना बचपन।
पापा, जल्दी चलो, बुलाता
मौसम देहरादून का!