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गरम महीना जून का / प्रकाश मनु

गरम हवाएँ, धरती-अंबर,
गरम महीना जून का!

ऐसी गरमी, इतनी गरमी
हाय-हाय है कितनी गरमी,
गरमी-गरमी, गरमी-गरमी
सख्त महीना, जरा न नरमी।

ऐसा मौसम, रोना छूटा
सचमुच अफलातून का!

तबीयत कितनी झल्लाई सी
कैसी यह आफत आई सी,
झुलसे सपने, झुलसा तन-मन
झुलस गया है अपना बचपन।

पापा, जल्दी चलो, बुलाता
मौसम देहरादून का!