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गरीबी / अशोक शुभदर्शी

हम्में गरीब छियै
खुद केरोॅ वास्तें
ओकरा वास्तें नै

ओकरा वास्तें छियै हम्में
एगोॅ बड़का चेक
जबेॅ चाहै छै
वें भँजाय लै छै हमरा
बाजारोॅ में

ऊ भंजैतेॅ रहै छै हमरोॅ
बाजारोॅ में

सभ्भै सें जादा लाभ कमाय छै वें
हमरा भँजाय केॅ
चुनावोॅ में

वें बचाय केॅ राखै लेॅ चाहै छै हमरा
यही लेली
बाँकी समय
भँजाय वास्तें चुनाव में
जे कि
वें लाभ उठाबेॅ सकै
बड़ोॅ सें बड़ोॅ ।