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गर्जना / हूँदराज दुखायल

जॾहिं भारत जे शेरनि जी हवा में गर्जना थींदी,
सदा जय जय हज़ारनि हासिदनि जी जान चीरींदी,
जॾहिं आज़ादी देवी शौक सां भारत अंदरि ईंदि,
‘‘दुखायल’’ देस जा माता मिड़ेई दर्द मेटींदी।