Last modified on 5 फ़रवरी 2019, at 03:03

गर्मी का दिन / मेरी ओलिवर / रश्मि भारद्वाज

किसने गढ़ी ये दुनिया ?
किसने रचा हंस और काले भालू को ?
किसने बनाया टिड्डी को ?
मेरा मतलब है वह टिड्डी जो अभी घास से उछल कर बाहर आई है
और मेरे हाथ से चीनी खा रही है
जो अपने जबड़ों को ऊपर नीचे की बजाय आगे-पीछे चला रही है
जो अपनी विशाल और जटिल आँखों से
आसपास टकटकी लगाकर देख रही है
फिर वह कलाई उठाकर अपना चेहरा अच्छे से साफ़ करती है
अब वह अपने पंख खोलकर उड़ जाती है

मैं ठीक से नहीं जानती कि प्रार्थना क्या है
मुझे नहीं आता है ध्यान लगाना
कैसे गिरते हैं घास पर, कैसे टेकते हैं घुटने
कैसे बनते हैं निष्क्रिय और सौभाग्यशाली
कैसे टहलते हैं खेतों में
जो कि मैं अब तक करती रही हूँ सारा दिन
मुझे बताओ इसके सिवा मुझे और क्या करना चाहिए था ?
क्या मृत नहीं हो जाती हर चीज़, बहुत शीघ्र ही और अन्तत: ?

मुझे बताओ, कि तुम क्या करोगे
अपने इस एक स्वच्छन्द और क़ीमती जीवन के साथ ?

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : रश्मि भारद्वाज