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गलियन-गलियन फिरे मनहारिन / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गलियन-गलियन फिरे मनहारिन
ले लियो कोऊ ललन को खिलौना
अपने महल से यशोदा रानी बोली
दे जाओ तुम ललन को खिलौना। गलियन...
आओ मनिहारिन, बैठो आंगन में
का तुम लाईं, ललन को खिलौना। गलियन...
छोटी सी बंशी दे दो लाल खों
प्यारो लागो ये ही खिलौना। गलियन...
थाल भर मोती जशोदा लाईं
खुश होकर दे दीन्हो खिलौना। गलियन...
जुग जुग जीये यशोदा तेरा लालन
फिर लाऊं मैं लालन ओ खिलौना। गलियन...