गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 17 मार्च 2017, at 13:37
गळगचिया (23) / कन्हैया लाल सेठिया
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
कन्हैया लाल सेठिया
»
गळगचिया
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
चमकीली हीरो धूळ में पड़'र आँधो हुग्यो। गुदमैलो बीज धूळ में पड़ र आँख्याँ खोल र उपरां आ ग्यो।