दही पूछ्यो-झेरणाँ रोजीनाँ मथ मथ‘र म्हारो माजनूं बिगाड़ै की थारै ही पल्लै पड़ै है‘क नीं ? झेरण बोल्यो-कीड़याँ तो काळजो रात्यूं चूटै ही है और‘स की देख्यो नीं !
दही पूछ्यो-झेरणाँ रोजीनाँ मथ मथ‘र म्हारो माजनूं बिगाड़ै की थारै ही पल्लै पड़ै है‘क नीं ? झेरण बोल्यो-कीड़याँ तो काळजो रात्यूं चूटै ही है और‘स की देख्यो नीं !