Last modified on 4 मार्च 2017, at 15:30

गळगचिया (7) / कन्हैया लाल सेठिया

तांबै रो कळसो माटीरै घड़ै नै कयो - घड़ा थारै में घाल्योड़ो पाणी ठंडो किंया रवै’र म्हारै में घाल्योड़ो तातो किंया हुज्यावै?

घड़ो बोल्यो - मैं पाणी नै म्हारी जीव में जग्यां दयूं हूं’र तूं आंतरै राखै, ओ ही कारण है।