आभै रै लूमतै बादळ सूं
छुड़ाय हाथ,
मुळकती-ढ़ुळकती
बा नान्ही सी छांट!
छोड़ देह रो खोळ,
सैह‘परी बिछोह..!
गळगी- हेत में,
रळगी- रेत में।
आभै रै लूमतै बादळ सूं
छुड़ाय हाथ,
मुळकती-ढ़ुळकती
बा नान्ही सी छांट!
छोड़ देह रो खोळ,
सैह‘परी बिछोह..!
गळगी- हेत में,
रळगी- रेत में।