गवना न करा।
खाली पैरों रास्ता न चला।
कंकरीली राहें न कटेंगी,
बेपर की बातें न पटेंगी,
काली मेघनियाँ न फटेंगी,
ऐसे ऐसे तू डग न भरा।
कुछ भी न बता तू रहा पता,
सपने-सपने दे रहा घता,
जो पूरा-पूरा माल-मता,
मुरझा न जायगा बाग हरा।
गवना न करा।
खाली पैरों रास्ता न चला।
कंकरीली राहें न कटेंगी,
बेपर की बातें न पटेंगी,
काली मेघनियाँ न फटेंगी,
ऐसे ऐसे तू डग न भरा।
कुछ भी न बता तू रहा पता,
सपने-सपने दे रहा घता,
जो पूरा-पूरा माल-मता,
मुरझा न जायगा बाग हरा।