हलचल थी
पत्तों के हलक़ों में
गहमा-गहमी
सब
एकजुट हो गए थे
पेड़ के खिलाफ़
जंगल के खिलाफ़
हवा
उनके साथ थी
(रचनाकाल : 1977)
हलचल थी
पत्तों के हलक़ों में
गहमा-गहमी
सब
एकजुट हो गए थे
पेड़ के खिलाफ़
जंगल के खिलाफ़
हवा
उनके साथ थी
(रचनाकाल : 1977)