जब से हम सभ्य हुए
बस तब से ही
ढूँढ़ रहा हूँ
उस आदमी को
जो अपने बीच कही
किसी शहर किसी गाँव में
गुम हो गया है
बाज़ार में
जब से हम सभ्य हुए
बस तब से ही
ढूँढ़ रहा हूँ
उस आदमी को
जो अपने बीच कही
किसी शहर किसी गाँव में
गुम हो गया है
बाज़ार में