कय ठामसँ चहकल
एगोट नुआकेँ
बीचो-बीच दु टुकड़ी क' फाड़ि
बान्हि देने रहथिन माय
दुनू भाइकेँ गाँती
तकरा बाद,
लाल भेल रहैक
बड़की काकीक आँखि
आ मायक
तहियेसँ हमरा
पसिन नहि अछि जाड़ मास।
कय ठामसँ चहकल
एगोट नुआकेँ
बीचो-बीच दु टुकड़ी क' फाड़ि
बान्हि देने रहथिन माय
दुनू भाइकेँ गाँती
तकरा बाद,
लाल भेल रहैक
बड़की काकीक आँखि
आ मायक
तहियेसँ हमरा
पसिन नहि अछि जाड़ मास।