मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद,
उसकी मीठी याद मेरे गीतों की झंकार,
पावस मेघा डोलते,
पिछले सपने खोलते,
लगता मुझको जीत भी हो जैसे मेरी हार,
ऐसी मेरी हार मेरे गीतों की झंकार,
मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद।
मन भावन पगडण्डियाँ,
वे गुलमुहरी झण्डियाँ,
सिमटी-सिमटी लाज मेरे खेतों का श्रृंगार,
खेतों का शृंगार मेरे गीतों की झंकार,
मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद।
वह मन्दिर वह देवता,
जिसका मुझको ही पता,
वे ढ़ोलक के गीत मेरे सपनों का आधार,
सपनों का आधार मेरे गीतों की झंकार,
मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद।
देखा सूरज फूल को,
पूछा उड़ती धूल को,
कायम या वीरान मेरे फूलों का संसार,
फूलों का संसार मेरे गीतों की झंकार,
मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद।
तस्वीरें यों घूमती,
पलकें आँसू चूमती,
तस्वीरों में बोलती है बचपन की किलकार,
बचपन की किलकार मेरे गीतों की झंकार,
मुझको अपने गाँव की अब आती मीठी याद।