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गांधीजी के गाय / प्राण मोहन 'प्राण'

गांधीजी के गाय
खूब दूहोॅ हो भाय
खुट्टा में बान्ही केॅ
गोड़ दोनों छानी केॅ
दहौ चुक्का लगाय ।
खूब पीयोॅ ऐंठी केॅ
कुर्सी पर बैठी केॅ
लाठी देखाय दीहोॅ
भागतै सी. बी. आय. ।
दिल्ली में पीयोॅ
बनारस में पीयोॅ
हजार बरस जीयोॅ
तों लाख बरस जीयोॅ
आबेॅ केकरोॅ परवाय ।
जें लेलकै आजादी
दै देलकै जान
भातोॅ लेली कलटै छै
भगत सिंह के माय ।