हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गांधी ने अंगरेज भजाया।
अर भारत का मान बचाया।
गंगा जल का लोट्टा।
गांधी काट गिया टोट्टा।।
जल भर्या लोट्टा चांदी का।
यू राज महात्मा गांधी का।।
देसी घी की भरी से कोल्ली।
गांधी बाब्बू की जै बोल्ली।।
भरी थाली यो चांदी की।
जय बोलो महात्मा गांधी की।।
नया जेवड़ा महं कोल्ली।
गांधी जी की जय बोल्ली।।
सेर बाजरा झोली में।
झंडा टंग रह्या पोली में।।
कोरा घड़वा नीम तले
आजादी की जोत जले।